BREAKING NEWS ; Waqf Board’s Unlimited Powers To Be Trimmed; मोदी सरकार के वक्फ बोर्ड में प्रस्तावित बदलाव: क्या है मामला?

मोदी सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड में बड़े बदलाव की तैयारी

हाल ही में, मोदी सरकार वक्फ बोर्ड में व्यापक सुधारों की योजना पर विचार कर रही है। इस प्रस्तावित बिल के तहत, वक्फ बोर्ड की अधिकारों में कटौती की जा सकती है, जिससे वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर उसके दावे की प्रक्रिया में परिवर्तन आ सकता है। संसद के मौजूदा सत्र में इस बिल को पेश किए जाने की संभावना जताई जा रही है।

क्या है मामला?

वर्तमान में, वक्फ बोर्ड किसी भी प्रॉपर्टी पर अपना दावा कर सकता है। लेकिन नए विधेयक के तहत, वक्फ बोर्ड के दावों का वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जाएगा। इसके अलावा, वक्फ बोर्ड में लगभग 40 संशोधन किए जाने की योजना है। इस पर मुस्लिम धर्मगुरुओं का विरोध शुरू हो गया है। मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि सरकार को इस पर निर्णय लेने से पहले उनकी राय लेनी चाहिए, जबकि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार वक्फ बोर्ड को समाप्त करना चाहती है।

ओवैसी का बयान

असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा है कि मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को समाप्त करना चाहती है और इसमें हस्तक्षेप करना चाहती है। उन्होंने इसे धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताया और कहा कि इस प्रस्तावित संशोधन का उद्देश्य वक्फ बोर्ड की स्वतंत्रता को प्रभावित करना है। ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा वक्फ बोर्ड और वक्फ संपत्तियों के खिलाफ है और इसे हिंदुत्व एजेंडा के तहत देखा जा रहा है।

बीजेपी नेता मोहसिन रजा का बयान

भाजपा नेता मोहसिन रजा ने कहा कि यदि सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए विधेयक लाती है, तो इसका स्वागत किया जाएगा। उनका कहना है कि वक्फ बोर्ड की शक्तियों का दुरुपयोग हो रहा है और कई संपत्तियां गलत तरीके से बोर्ड में पंजीकृत हैं। रजा ने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड का उद्देश्य पिछड़े मुसलमानों के उत्थान के लिए था, लेकिन इसका सही उपयोग नहीं हुआ है। इसलिए, इसे सही तरीके से प्रबंधित करने की आवश्यकता है।

इस महत्वपूर्ण विषय पर सभी पक्षों के विचार जानने के बाद ही निर्णय लेना उचित होगा, जिससे वक्फ बोर्ड के सुधार के प्रस्ताव का प्रभावी तरीके से कार्यान्वयन किया जा सके।

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